गुदा मैथुन
गुदा मैथुन (गुदापरक संभोग) एक प्रकार का मैथुन ही है। इस प्रकार के मैथुन में लिंग (शिश्न), उँगली, डिल्डो या अन्य किसी वस्तु को योनि की बजाय मादा या नर की गुदा में प्रविष्ट किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो महिला की गुदा में पुरुष अपना लिंग या जिभ डालकर संभोग करने की क्रिया को ही 'गुदा मैथुन' कहते हैं।[1]
गुदा मैथुन के विभिन्न प्रकार हैं; मसलन गुदा का मौखिक उकसाव, उकसाव के लिए उँगलियों अथवा अन्य वस्तुओं का उपयोग। सर्वप्रथम तो गुदा शरीर का ही एक भाग है जो कसा हुआ होता है और स्त्री योनि की भाँति स्वत: चिकना नहीं हो सकता। इसलिए इस अंग में कुछ भी प्रवेश कराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस अंग कि भीतरी दीवारों को कोई क्षति न पहुँचे क्योंकि गुदा का मुख्य कार्य मल त्याग करना है; मैथुन करना या करवाना नहीं।[2]
इस प्रकार के मैथुन से पुरुषों को आनंद प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) के उकसाव से आता है, जो गुदा के अत्यधिक निकट पाया जाता है।
प्रोस्टेट मालिश का उपयोग यौन उत्तेजना के लिए कामुक मालिश के रूप में भी किया जाता है। अक्सर संभोग तक पहुँचने के लिए प्रोस्टेट को कभी-कभी "पुरुष जी-स्पॉट" या "पी-स्पॉट" कहा जाता है। कुछ पुरुष प्रोस्टेट ग्रंथि की उत्तेजना के माध्यम से संभोग सुख प्राप्त कर सकते हैं, जैसे प्रोस्टेट मालिश या ग्रहणशील गुदा मैथुन, और पुरुष जो प्रोस्टेट उत्तेजना की अनुभूति की रिपोर्ट करते हैं। अक्सर जी-स्पॉट उत्तेजना के महिलाओं के विवरण के समान विवरण देते हैं। गुदा मैथुन में पुरुष अधिक समय तक सेक्स का अनुभव करते हैं।
स्त्रियों को गुदा मैथुन से आनंद इसलिए आता है क्योंकि गुदा पर बहुत सी तंत्रिकाओं की समाप्ति होती है। गुदा मैथुन में स्त्रियों को पुरुषों से अधिक आनंद आता है। स्त्रियों को योनि सेक्स से अधिक आनंद गुदा सेक्स में आता है, किंतु जब इसे सही तरीके से किया जाए तब। [3]
भारतीय शास्त्रों में कामसूत्र के जनक वात्स्यायन ने इसे भी संभोग का एक प्रकार बताया है। गुदा मैथुन का महत्त्व भारतीय समाज में पाश्चात्य समाज के समान नहीं है। अतः भारतीय जोड़ा गुदा मैथुन से पूर्व इसके बारे में पूर्ण जानकारी तथा सही तरीके का अध्ययन करें। सबसे आवश्यक बात गुदा मैथुन से पहले पुरुष अपनी जीभ से महिला की गुदा को कुछ समय तक चाटते रहे ताकि दोनों को आनंद महशूस हो। और गुदा मैथुन करते समय महिला की गोप्य अंगों पर जैसे मुख, नाक, कान, घाटी, स्तन, छाती और छाती के आसपास सभी जगह पर चुम्बन करे या जीभ से चाटकर उत्तेजित कर लें तथा चिकनाई का विशेष ध्यान रखें। गुदा मैथुन को दर्द रहित बनाकर ही इसका पूर्ण आनंद लिया जा सकता है, पर बिना ज्ञान के गुदा मैथुन खतरनाक हो सकता है। गुदा मैथुन करते समय विभिन्न सावधानी वर्तनी चाहिए। जैसे कि महिला किसी गुदा के रोग से ग्रस्त न हो, लेकिन भारतीय महिलाएँ गुदा मैथुन को कम राजी होती हैं, जबकि रिसर्च से पता चला है कि लगभग 40 प्रतिशत अमेरीकी महिलाओं ने अपने जीवनकाल में कभी न कभी गुदा मैथुन जरूर किया हैI [4]
इन्हें भी देखें
संपादित करें- लौंडेबाजी
- हस्त मैथुन
- संभोग
- मिशनरी पोजीशन
- वात्स्यायन
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Anal Sex Safety and Health Concerns". WebMD. मूल से 12 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 26, 2013.
- ↑ Dr. John Dean and Dr. David Delvin. "Anal sex". Netdoctor.co.uk. मूल से 7 मई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 26, 2013.
- ↑ "Anal Sex, defined". Discovery.com. मूल से 13 जून 2002 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि August 26, 2013.
- ↑ https://lovematters.in/hi/making-love/ways-to-make-love/why-women-have-anal-sex