हमारी वसीयत और विरासत (भाग 70): मथुरा के...

गायत्री परिवार का संगठन करने के निमित्त, महापुरश्चरण की पूर्णाहुति के बहाने हजार कुंडी यज्ञ मथुरा में हुआ था। उसके संबंध में यह कथन अत्युक्तिपूर्ण नहीं है कि इतना बड़ा आयोजन महाभारत के उपरांत आज तक नहीं हुआ। उसकी कुछ रहस्यमयी विशेषताएँ ऐसी थीं, जिनके संबंध में सही बात कदाचित् ही किसी को मालूम हो। एक ...

Aug. 25, 2025, 10:02 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 69): मथुरा के...

प्रारंभ में मथुरा में रहकर जिन गतिविधियों को चलाने के लिए हिमालय से आदेश हुआ था, उन्हें अपनी जानकारी की क्षमता द्वारा कर सकना कठिन था। न साधन, न साथी, न अनुभव, न कौशल। फिर इतने विशाल काम किस प्रकार बन पड़े? हिम्मत टूटती-सी देखकर मार्गदर्शक ने परोक्षतः लगाम हाथ में सँभाली। हमारे शरीर भर का उपयोग हुआ।...

Aug. 24, 2025, 10:11 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 68): विचार क्...

मार्गदर्शक का आदेश वर्षों पूर्व मिल चुका था कि हमें छह माह के प्रवास के लिए पुनः हिमालय जाना होगा, पर पुनः मथुरा न लौटकर हमेशा के लिए वहाँ से मोह तोड़ते हुए हरिद्वार सप्तसरोवर में सप्तऋषियों की तपस्थली में ऋषिपरंपरा की स्थापना करनी होगी। अपना सारा दायित्व हमने क्रमशः धर्मपत्नी के कंधों पर सौंपना काफी...

Aug. 23, 2025, 10:57 a.m.

शांतिकुंज में रक्षाबंधन पर श्रावणी उपाकर...

श्रद्धेया शैलदीदी ने बांधे रक्षासूत्र, साधकों ने लिया जीवन में सत्कर्म अपनाने व पौधारोपण का संकल्प   हरिद्वार 9 अगस्त। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सामूहिक श्रावणी उपाकर्म संस्कार का भव्य आयोजन हुआ। इसमें देश-विदेश से अपने गुरुधाम पहुँचे हजारों साधकों ने भाग लिया। इस दौरान ह...

Aug. 9, 2025, 2:50 p.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 67): विचार-क्...

इससे हमारी स्वयं की संगठन सामर्थ्य विकसित हुई। हमने गायत्री तपोभूमि के सीमित परिकर में ही एक सप्ताह, नौ दिन एवं एक-एक माह के कई शिविर आयोजित किए। आत्मोन्नति के लिए पंचकोशी-साधना शिविर, स्वास्थ्य-संवर्द्धन हेतु कायाकल्प सत्र एवं संगठन विस्तार हेतु परामर्श एवं जीवन-साधना सत्र उन कुछ प्रमुख आयोजनों में...

July 29, 2025, 12:45 p.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 65): प्रवास क...

एक दिन हम रात को 1 बजे के करीब ऊपर गए। लालटेन हाथ में थी। भागने वालों से रुकने के लिए कहा। वे रुक गए। हमने कहा— ‘‘आप बहुत दिन से इस घर में रहते आए हैं। ऐसा करें कि ऊपर की मंजिल के सात कमरों में आप लोग गुजारा करें। नीचे के आठ कमरों में हमारा काम चल जाएगा। इस प्रकार हम सब राजीनामा करके रहें। न आप लोग ...

July 24, 2025, 11:46 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 64): प्रवास ...

अब मथुरा जाने की तैयारी थी। एक बार दर्शन की दृष्टि से मथुरा देखा तो था, पर वहाँ किसी से परिचय न था। चलकर पहुँचा गया और ‘अखण्ड ज्योति’ प्रकाशन के लायक एक छोटा मकान किराए पर लेने का निश्चय किया। मकानों की उन दिनों भी किल्लत थी। बहुत ढूँढ़ने के बाद भी आवश्यकता के अनुरूप मिल नहीं रहा था। ढूँढ़ते-ढूँढ़ते घ...

July 23, 2025, 11:56 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 63): प्रवास क...

जो आदेश हो रहा है, उसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रहने दी जाएगी। यह मैंने प्रथम मिलन की तरह उन्हें आश्वासन दे दिया। पर एक ही संदेह रहा कि इतने विशालकाय कार्य के लिए जो धनशक्ति और जनशक्ति की आवश्यकता पड़ेगी, उसकी पूर्ति कहाँ से होगी? मन को पढ़ रहे गुरुदेव हँस पड़े। ‘‘इन साधनों के लिए चिंता की आवश्यकता...

July 22, 2025, 9:52 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 62) प्रवास क...

“नैतिक क्रांति, बौद्धिक क्रांति और सामाजिक क्रांति संपन्न की जानी है। इसके लिए उपयुक्त व्यक्तियों का संग्रह करना और जो करना है, उससे संबंधित विचारों को व्यक्त करना अभी से आवश्यक है। इसलिए तुम अपना घर-गाँव छोड़कर मथुरा जाने की तैयारी करो। वहाँ एक छोटा घर लेकर एक मासिक पत्रिका आरंभ करो। साथ ही तीनों क्...

July 22, 2025, 9:44 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 61)— प्रवास ...

चर्चा एक से चल रही थी, पर निमंत्रण पहुँचते एक क्षण लगा और वे सभी एक-एक करके एकत्रित हो गए। निराशा गई; आशा बँधी और आगे का कार्यक्रम बना कि जो हम सब करते रहे हैं, उसका बीज एक खेत में बोया जाए और पौधशाला में एक पौध तैयार की जाए। उसके पौधे सर्वत्र लगेंगे और उद्यान लहलहाने लगेगा। यह शान्तिकुञ्ज बनाने की ...

July 20, 2025, 11:12 a.m.

राष्ट्र के जागरण का समय आ गया” — भारत मं...

नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम, प्रगति मैदान का सभागार उस समय राष्ट्रभक्ति और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत हो उठा जब अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में जन्मशताब्दी 2026 की विशेष श्रृंखला के अंतर्गत “राष्ट्र के जागरण का समय आ गया” विषय पर राष्ट्रीय समार...

Aug. 25, 2025, 10:44 a.m.

Round Table on “Agenda and Approach for ...

A distinguished Round Table discussion was held on the theme “Agenda and Approach for Nalanda University”, bringing together eminent academicians, thought leaders, and educationists to deliberate on the future vision and role of Nalanda University in the contemporary global context. The deliberation...

Aug. 25, 2025, 10:05 a.m.

Nepalese Delegation Concludes Transforma...

With hearts full of gratitude and minds enriched with new insights, the valediction session was held for the esteemed delegation of 11 participants from Nepal, who attended the International Workshop at Dev Sanskriti Vishwavidyalaya from 10th to 24th August 2025. During their stay, the delegates eng...

Aug. 25, 2025, 9:42 a.m.

देसंविवि में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शि...

हरिद्वार 23 अगस्त। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विश्वविद्यालय के संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन सहित विभिन्न संकायों से लगभग पचास छात्र-छात्राए...

Aug. 23, 2025, 4:13 p.m.

माननीय सांसद श्री महेश कश्यप जी का देव स...

देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं शांतिकुंज में भारत सरकार (छत्तीसगढ़) के माननीय सांसद श्री महेश कश्यप जी का सपरिवार आत्मीय स्वागत किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से शिष्टाचार भेंट के दौरान शिक्षा, सांस्कृतिक उत्थान, नैतिक नेतृत्व एवं समाज सेवा जै...

Aug. 22, 2025, 2:29 p.m.

Alumni Speaks Series : "Mental Health Ca...

Organized by Dev Sanskriti Alumni Association In collaboration with the Department of Psychology & Department of Scientific Spirituality We successfully hosted an insightful session with our esteemed alumnus, Kshitij Modi ( Clinical Psychologist & Founder, Prastar Vatsalya ) on the topic "Mental Hea...

Aug. 22, 2025, 11:09 a.m.

Global Summit on Bridging Horizons Stren...

A Global Summit on Bridging Horizons: India and Latvia in a Globalized World was successfully organized on 21 August 2025 by Asia’s first Centre for Baltic Culture & Studies, Dev Sanskriti Vishwavidyalaya. Under the guidance of Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro-Vice Chancellor, DSVV, the summit beca...

Aug. 22, 2025, 10:01 a.m.

गुजरात सरकार के जनजाति विकास विभाग के मा...

प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी से शिष्टाचार भेंट के दौरान शिक्षा, जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास, संस्कृति संरक्षण, ग्रामोत्थान एवं मूल्य-आधारित नेतृत्व जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। पूज्य गुरुदेव के विचारों व युग निर्माण आंदोलन की अवधारणाओं से प्रेरित होकर माननीय मंत्री महोदय ने विश्वविद्...

Aug. 22, 2025, 9:37 a.m.

शांतिकुंज का दूसरा राहत काफिला उत्तरकाशी...

उत्तरकाशी हाल ही में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के धरासू क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। घरों, होटलों और सम्पर्क मार्गों के टूट जाने से कई परिवार असमय संकट में फँस गए। ऐसे विकट समय में शांतिकुंज, हरिद्वार द्वारा संचालित अखिल विश्व गायत्री परिवार ने राहत एवं प...

Aug. 20, 2025, 1:49 p.m.

Lens–E–Utkarsh: A Celebration of Vision ...

On the occasion of World Photography Day, Respected Pro Vice Chancellor, Dr. Chinmay Pandya Ji graced the university-level photography competition Lens–E–Utkarsh, organised by the Department of Journalism and Mass Communication. The event received an overwhelming response, with students showcasing e...

Aug. 20, 2025, 9:22 a.m.
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First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।