"ऐतरेय उपनिषद्" का संशोधनहरू बिचको अन्तर
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२१:३७, २८ अक्टोबर २०१० जस्तै गरी पुनरावलोकन
अन्तर्गत एक शृङ्खलाको भाग |
हिन्दु धर्म |
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ऐतरेय उपनिषद्को सम्बन्ध ऋग्वेदसित छ। ऐतरेय भित्र पांच मुख्य अध्याय (आरण्यक) छन् जसमा प्रथम तीनका रचयिता ऐतरेय, चतुर्थका आश्वलायन तथा पंचमका शौनक मानिन्छन् । डाक्टर कीथ यसलाई निरुक्तको अपेक्षा अर्वाचीन मानेर यसको रचनाकाल षष्ठ शताब्दी विक्रमपूर्व मान्दछन्, परंतु वस्तुत: यो निरुक्त भन्दा पुरानो। ऐतरेयका प्रथम तीन आरण्यकहरु रचयिता महिदास हुन् यसले गर्दा उनलाई ऐतरेय ब्राह्मणको समकालीन मान्दा हुन्छ।